"खुद पर विश्वास"
सीमा एक साधारण लड़की थी जो एक छोटे से गाँव में रहती थी। उसकी परिवार की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी, लेकिन उसकी माता-पिता ने उसे हमेशा शिक्षा की अहमियत बताई। सीमा का सपना था कि वह एक इंजीनियर बने।
सीमा पढ़ाई में बहुत अच्छी थी, लेकिन उसके गाँव में लड़कियों की पढ़ाई को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था। लोग कहते थे, "लड़की को क्या पढ़ाई की ज़रूरत है? शादी होगी और सब कुछ छोड़ना पड़ेगा।" लेकिन सीमा ने इन बातों को अनसुना कर दिया और अपनी पढ़ाई में जुटी रही।
उसकी मेहनत का फल तब मिला जब उसने अपनी 10वीं कक्षा में टॉप किया। सभी उसकी तारीफ कर रहे थे, लेकिन उसके परिवार को इसका कोई खास असर नहीं हुआ। सीमा ने सोचा, "अगर मैं मेहनत करती रही, तो मैं अपने सपने को पूरा कर सकती हूँ।"
सीमा ने अपनी 12वीं कक्षा में भी अच्छे अंक प्राप्त किए और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में बैठने का फैसला किया। लेकिन गाँव के लोगों ने उसका मजाक उड़ाया और कहा, "लड़की इंजीनियर कैसे बन सकती है?" सीमा ने इन सब बातों को सुनकर हिम्मत नहीं हारी।
उसने दिन-रात मेहनत की। अपनी किताबों के साथ-साथ उसने ऑनलाइन कोर्स और ट्यूशन भी लिए। उसे कई बार निराशा भी हुई, लेकिन उसने खुद पर विश्वास रखा। आखिरकार, उसने परीक्षा पास की और एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया।
कॉलेज में भी उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कभी-कभी उसे अपने सहपाठियों से भेदभाव का सामना करना पड़ता, लेकिन उसने अपनी मेहनत जारी रखी। उसने अपनी कक्षाओं में उत्कृष्टता प्राप्त की और कई प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया।
सीमा की मेहनत रंग लाई और उसने अपने कॉलेज में टॉप किया। अब वह एक सफल इंजीनियर बन चुकी थी। उसने अपने गाँव में एक तकनीकी स्कूल खोला, जहाँ लड़कियों को न केवल पढ़ाई कराई जाती थी, बल्कि उन्हें तकनीकी शिक्षा भी दी जाती थी।
सीमा ने साबित कर दिया कि अगर किसी के मन में दृढ़ संकल्प हो, तो समाज की धारणाएँ उसे रोक नहीं सकतीं। उसने अपने गाँव की लड़कियों को यह सिखाया कि वे अपने सपनों के लिए लड़ सकती हैं और किसी भी मुश्किल को पार कर सकती हैं।
शिक्षा:
अपने सपनों को पूरा करने के लिए खुद पर विश्वास रखना सबसे महत्वपूर्ण है। चाहे कितनी भी चुनौतियाँ आएँ, अगर हम मेहनत और धैर्य से आगे बढ़ें, तो हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।
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