संपति का कब्जे को वापस प्राप्त करना जो धारा 5से 8 तक है
धारा 5और 6 स्थावर संपति से संपति से संबंधित है
धारा 7और 8 जंगम संपति से संबंधित है
विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की धारा 4 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम का उद्भव सिविल अधिकारो के प्रवर्तन के लिए किया गया है ना कि दंड विधियों के परिवर्तन के लिए फिर भी यदि कोई ऐसा कार्य हिंसक वारदातों के माध्यम से प्राप्त किया गया है तो अध्याय 1 धारा 5से लेकर 8तक ऐसे व्यक्तियों के लिए अनुतोष प्रदान करता है
संवादों का विनिर्दिष्ट पालन
वर्तमान समय में सभी प्रकार के संबंधों का आधार संविदा होती है अर्थात यदि संविदा भंग स्थती उत्पन्न होती है तो उसकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति उत्पन्न होती है भारतीय संविदा विधि के अंतर्गत संविदा भंग के लिए संविदा छती और प्रतिकार के लिए व्यवस्था की गई है। लेकिन कुछ परिस्थितिय इसी होती है जिसमें पर्याप्त अनुतोष नहीं होती है, उदाहरण,
तो इसी स्थिति, में न्यायालय संविदा भंग करने वाले पक्षकार को संविदा पालन के लिए मजबूर कर सकती है इसे विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम में अध्याय 2 धारा 9 से लेकर25
धारा 3में
संवादों का परिशुद्दि
संवादों का खंडन
संवादों का रद्दीकरण
अधिनियम की अध्याय 3,4,5में दिए गए है जो धारा
प्रसिद्धि का तात्पर्य है कभी कभी संविदा जो लिखित रूप से तैयार की जाती है लेकिन उसमें संविदा का अस्य प्रकट नहीं होता तो इसी स्थिती में संशोधन किया जाता है और इसी को प्रसिद्धि कहा जाता है कभी कभी कुछ ऐसी संविदाएं होती हैं जिसके बाद में पता चलता है कि वे शून्य है पिया परिस्थितियों के परिवर्तन के कारण शून्य हो जाते है
कुछ संविदाएं इसी होती है जो कुछ कारण वश शून्यकरणीय होती है रद्दीकरण हो जाता इसी संविदा विखंडन होता है
घोषणात्मक अनुतोष
अध्याय 6धारा 34और35 में इसके तहत कोई व्यक्ति किसी विधिक हैसियत या किसी समाप्ति का अधिकार को रहता है लेकिन अन्य लोगों के द्वारा उसे अधिकार प्राप्त करने में बढ़ा डाली जाती है तब ऐसी स्थिति में न्यायालय डिक्री पारित करता है
सवाल?
विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम को परिभाषित करते हुए इसके विकाश प्रकृति और सीमा के साथ साथ अनुतोष अधिनिया 1963 के सुसंगत प्रबंधनों की चर्चा कीजिए।?
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