हर साल 16 सितंबर को 'अंतर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस' (International Day for the Preservation of the Ozone Layer) के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस ओजोन परत के महत्व, उसके क्षरण के कारणों और इसे बचाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
ओजोन परत क्या है?
ओजोन (O₃) एक विशेष प्रकार की गैस है, जो पृथ्वी के वायुमंडल में स्ट्रेटोस्फियर (Stratosphere) नामक परत में पाई जाती है। यह परत पृथ्वी की सतह से लगभग 10 से 50 किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थित होती है और सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी (Ultraviolet - UV) किरणों को रोकने का कार्य करती है।
ओजोन परत को पृथ्वी की "सुरक्षात्मक ढाल" भी कहा जाता है, क्योंकि यह सूर्य से आने वाली UV-B और UV-C किरणों को अवशोषित कर लेती है, जो जीव-जंतुओं, मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए अत्यधिक हानिकारक हो सकती हैं।
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ओजोन दिवस मनाने का कारण
1. ओजोन परत का क्षरण और इसके दुष्प्रभाव
1970 के दशक में वैज्ञानिकों ने पाया कि ओजोन परत धीरे-धीरे पतली हो रही है और इसके कुछ हिस्सों में छेद (Ozone Hole) बनने लगे हैं। यह मुख्य रूप से मानव-जनित गतिविधियों के कारण हो रहा था, विशेष रूप से क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs), हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन (HCFCs), कार्बन टेट्राक्लोराइड और मीथाइल ब्रोमाइड जैसी गैसों के कारण।
ओजोन परत के क्षरण से होने वाले नुकसान
1. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ:
UV किरणें त्वचा कैंसर (Skin Cancer) और मोतियाबिंद (Cataract) जैसी बीमारियों को बढ़ावा देती हैं।
यह मानव प्रतिरक्षा तंत्र (Immune System) को कमजोर कर सकती हैं, जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
2. पर्यावरणीय प्रभाव:
UV किरणें फसलों की उत्पादकता को कम कर सकती हैं।
यह समुद्री जीवन को भी प्रभावित कर सकती हैं, विशेष रूप से प्लवक (Phytoplankton) को, जो समुद्री खाद्य श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
3. जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव:
ओजोन परत के क्षरण से ग्रीनहाउस प्रभाव बढ़ता है, जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग तेज हो सकती है।
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2. मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) और ओजोन संरक्षण के प्रयास
1970 और 1980 के दशक में वैज्ञानिकों ने जब यह पाया कि ओजोन परत के क्षरण के पीछे मुख्य कारण CFCs और अन्य ओजोन-नाशक गैसें (ODS - Ozone Depleting Substances) हैं, तो इस पर वैश्विक स्तर पर गंभीर चर्चा शुरू हुई।
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) – 1987
16 सितंबर 1987 को संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के नेतृत्व में 'मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ऑन सब्सटेंसेस दैट डिप्लीट द ओजोन लेयर' पर हस्ताक्षर किए गए। यह प्रोटोकॉल दुनिया के सबसे सफल पर्यावरणीय समझौतों में से एक माना जाता है।
इसका उद्देश्य ओजोन-नाशक गैसों के उत्पादन और उपयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना था। इसके कारण:
CFCs और अन्य हानिकारक गैसों का उत्पादन तेजी से कम हुआ।
कई देशों ने ओजोन-अनुकूल तकनीकों को अपनाया।
ओजोन परत में सुधार के संकेत मिलने लगे।
क्योटो प्रोटोकॉल (Kyoto Protocol) – 1997
यह प्रोटोकॉल ग्रीनहाउस गैसों को कम करने पर केंद्रित था, लेकिन इसका संबंध ओजोन संरक्षण से भी था क्योंकि कई ओजोन-नाशक गैसें ग्रीनहाउस गैसें भी होती हैं।
पेरिस समझौता (Paris Agreement) – 2015
जलवायु परिवर्तन और ओजोन संरक्षण को ध्यान में रखते हुए, इस समझौते में पर्यावरण-अनुकूल नीतियाँ अपनाने पर जोर दिया गया।
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ओजोन दिवस का महत्व
1. जागरूकता बढ़ाना
आम लोगों को यह समझाना कि ओजोन परत कितनी महत्वपूर्ण है और इसे नुकसान पहुँचाने वाले कारकों को कैसे रोका जा सकता है।
2. सरकारों को सक्रिय करना
यह दिवस सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को पर्यावरण-अनुकूल नीतियाँ अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
3. उद्योगों को जागरूक करना
कंपनियों को CFC मुक्त उत्पादों और हरित (Green) तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करना।
4. वैकल्पिक समाधानों को बढ़ावा देना
ऐसे तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देना जो ओजोन परत को नुकसान न पहुँचाएँ, जैसे कि HFC (Hydrofluorocarbon) और प्राकृतिक शीतलक (Natural Refrigerants) का उपयोग।
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ओजोन परत की रक्षा के उपाय
1. ओजोन-नाशक पदार्थों का उपयोग कम करना
CFCs और अन्य हानिकारक गैसों वाले उत्पादों का उपयोग बंद करें।
एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर में CFC मुक्त रेफ्रिजरेंट का उपयोग करें।
2. हरित ऊर्जा स्रोतों को अपनाना
कोयले और पेट्रोलियम पर निर्भरता कम करके सौर (Solar) और पवन (Wind) ऊर्जा का अधिक उपयोग करें।
3. वृक्षारोपण को बढ़ावा देना
पेड़ लगाने से वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और जलवायु संतुलन बना रहता है।
4. सार्वजनिक परिवहन का उपयोग
निजी वाहनों की बजाय बस, मेट्रो और साइकिल जैसी पर्यावरण-अनुकूल परिवहन सेवाओं का उपयोग करें।
5. पुनर्चक्रण (Recycling) को अपनाना
प्लास्टिक, धातु और अन्य कचरे का पुनर्चक्रण कर प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
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निष्कर्ष
ओजोन परत हमारे जीवन और पर्यावरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि यह परत नष्ट होती है, तो पृथ्वी पर जीवन संकट में पड़ सकता है। हालांकि मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल और अन्य अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के कारण ओजोन परत में सुधार के संकेत मिले हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
ओजोन दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपनी जीवनशैली और तकनीकों में ऐसे बदलाव करने होंगे जो ओजोन परत की रक्षा करें और आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य दें।
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