"कई बार ऐसा होता है कि किसी संविदा को लिखित रूप देने में त्रुटि हो जाती है, और वह दस्तावेज़ पक्षकारों की वास्तविक मंशा को सही ढंग से प्रतिबिंबित नहीं करता। ऐसी स्थिति में न्यायालय किस हद तक उस दस्तावेज़ को सुधार सकता है, यह जानना आवश्यक है।"
📌 "इस सन्दर्भ में विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963 की धारा 26 एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो संविदाओं की 'परिशुद्धि' (Rectification of Instruments) से संबंधित है।"
> "विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम की धारा 26 परिशुद्ध के बारे में वर्णन करती है। इसमें लिखित शब्दों की परिभाषा स्टाम्प एक्ट 1899 की धारा 2 में दी गई है। इसके अनुसार 'लिखित' में प्रत्येक ऐसा दस्तावेज़ जो किसी अधिकार या दायित्व का सृजन, अंतरण, सीमितीकरण, विस्तार या अभिलेख के रूप में किया गया हो, वह शामिल है। लेकिन लिखित शब्दों के अंतर्गत संगम अनुच्छेद (compromise deed) शामिल नहीं होता।"
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