✍️ लेखक: Dipankar Shilp Priyadarshi
🔗 स्रोत: The Fresh Law – भारत का उभरता हुआ लॉ स्टूडेंट्स ब्लॉग प्लेटफॉर्म
🔰 भूमिका: एक नए लॉ छात्र की उलझन
जब कोई छात्र कानून की पढ़ाई शुरू करता है, तो उसके भीतर एक ऊर्जा होती है – भविष्य की कल्पनाएँ, काले कोट का गर्व, संविधान की गहराइयाँ और एक मिशन – न्याय की रक्षा।
लेकिन जैसे-जैसे पहले सेमेस्टर के नोट्स बढ़ने लगते हैं, Bare Acts की पंक्तियाँ उलझती हैं, मूट कोर्ट के नोटिस बोर्ड डराने लगते हैं – और फिर अंदर से आवाज़ आती है:
- “मेरी इंग्लिश कमजोर है, क्या मैं सफल वकील बन पाऊंगा?”
- “क्या मैं जज के सामने अपना पक्ष रख पाऊंगा?”
- “मेरी पर्सनालिटी साधारण है, क्या मैं अदालत में टिक पाऊंगा?”
- “क्या मुझे राइटिंग और ब्लॉगिंग आनी चाहिए?”
- “क्या मैं दूसरों से पीछे छूट जाऊँगा?”
अगर आप भी ऐसे ही किसी दौर से गुजर रहे हैं – तो घबराइए मत, आप अकेले नहीं हैं। इस लेख में हम एक-एक पहलू पर वास्तविक और व्यावहारिक तरीके से बात करेंगे।
🔹 1. इंग्लिश कमजोर है? कोई बात नहीं – अब मजबूत बनाइए
भारत के अधिकतर लॉ छात्र हिंदी माध्यम या क्षेत्रीय भाषाओं से आते हैं। अंग्रेज़ी एक बाधा ज़रूर लग सकती है, लेकिन यह अपरिहार्य नहीं है।
✔ क्या करें?
- The Hindu, Live Law, Bar & Bench जैसी वेबसाइट्स से एक लेख पढ़िए।
- नए शब्दों को वाक्य में सीखें – सिर्फ रटना नहीं, उनका प्रयोग करें।
- ट्रांसलेट करके बोलने से बचें, अंग्रेज़ी में ही सोचने की आदत डालें।
- हर नए शब्द को अर्थ और उदाहरण के साथ नोट करें।
- BBC Learning English, English Adda जैसे यूट्यूब चैनल्स देखें।
💡 याद रखें:
भाषा एक अभ्यास है, आदत है – आप जितना करेंगे, उतना बेहतर बनेंगे। 180 दिनों का अभ्यास आपको अदालत में बोलने लायक बना सकता है।
🔹 2. कम्युनिकेशन स्किल्स – कानून की असली ताकत
क्लाइंट को समझाना, जज को राज़ी करना, और विपक्ष को संतुलित चुनौती देना – ये सब कम्युनिकेशन पर निर्भर करता है।
🗣 बोलने की कला ऐसे सीखें:
- क्लास प्रेजेंटेशन को कोर्ट-प्रैक्टिस की तरह मानें।
- डिबेटिंग कल्चर अपनाएं – डर लगे तो भी शुरू करें।
- मूट कोर्ट को avoid न करें – डर वहीं से खत्म होगा।
- दर्पण में प्रैक्टिस करें – आत्मविश्वास बढ़ेगा।
👂 सुनना भी ज़रूरी है:
- सुनना न्यायिक अभ्यास की पहली सीढ़ी है।
- सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की लाइव सुनवाई (YouTube पर) देखें।
🔹 3. Legal Writing – सोच को शब्दों में ढालने की कला
न्यायालय में बहस जितनी अहम है, उतना ही अहम है ड्राफ्टिंग, केस समरी, रिसर्च नोट्स और कानूनी तर्क।
✍️ लेखन सुधारने के उपाय:
- रोज़ एक जजमेंट पढ़ें और उसका 300-500 शब्दों में सारांश लिखें।
- खुद का ब्लॉग शुरू करें या The Fresh Law जैसे प्लेटफॉर्म से जुड़ें।
- Paragraphs को विषय, तर्क और निष्कर्ष में बाँटना सीखें।
- Legal language और Plain language के बीच संतुलन रखें।
🎯 Bonus Tips:
- सीनियर्स से फीडबैक लें।
- Grammarly या LanguageTool जैसे टूल्स से self-edit करें।
🔹 4. कोर्ट में बोलने का आत्मविश्वास – कॉलेज में ही बनता है
पहली बार कोर्ट में चुप रह जाना स्वाभाविक है – लेकिन अभ्यास से सब आसान होता है।
⚖ क्या करें?
- इंटर्नशिप को गंभीरता से लें – जिला न्यायालय, लीगल क्लिनिक, NGO में जाएं।
- फाइलिंग, नोटिंग, काउंसलिंग जैसे कार्य सीखें।
- सीनियर्स के साथ बैठें, सुनें और नोट्स लें।
मूट कोर्ट में हारें – लेकिन बोलें। न बोलने से बड़ी हार कोई नहीं होती।
🔹 5. Body Language और Voice Modulation – बिना बोले भी असर डालें
🧍 क्या ध्यान रखें?
- धीरे और स्पष्ट बोलें – शब्दों को चबाएं नहीं।
- आँख से संपर्क रखें – यह दृढ़ता का संकेत होता है।
- हाथों को संयमित रखें – बहुत अधिक इशारे न करें।
- आवाज़ की गति और टोन संतुलित रखें।
आप जो कहते हैं, उससे ज़्यादा असर ये डालता है कि कैसे कहते हैं।
🔹 6. डिजिटल उपस्थिति – 21वीं सदी का ज़रूरी हथियार
🌐 क्या करें?
- LinkedIn प्रोफाइल बनाएं – स्किल्स और इंटर्नशिप दिखाएं।
- Live Law, SCC Online जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लेख भेजें।
- Google Docs या Notion पर Legal Portfolio बनाएं।
- YouTube या Podcast पर छोटे Legal वीडियो बनाएं।
🔹 7. तुलना नहीं, सुधार की आदत डालिए
हर दिन थोड़ा बेहतर बनना – यही असली जीत है।
✔ कैसे करें?
- हर सप्ताह के लक्ष्य बनाएं – जैसे 3 आर्टिकल पढ़ना।
- To-Do List बनाएं और ट्रैक करें।
- पुरानी नोटबुक्स को देखकर प्रगति मापें।
✅ निष्कर्ष: कानून सिर्फ पढ़ने से नहीं, खुद को गढ़ने से आता है
लॉ एक साधना है – भाषा, व्यवहार, लेखन और अनुशासन का संतुलन।
आप अगर रोज़ एक छोटा कदम उठाएं – तो निश्चित रूप से आप प्रेरणा बन सकते हैं।
🚀 अब आप क्या करें?
- 📖 एक समाचार लेख पढ़ें
- 🗣 एक बार दर्पण के सामने बोलें
- ✍️ एक छोटा ब्लॉग या केस नोट लिखें
- 🎧 एक लाइव कोर्ट बहस सुनें
- 🤝 एक लिंक्डइन पोस्ट साझा करें
और यही से शुरुआत हो – आपके आत्मविश्वास भरे, प्रभावशाली और निडर वकील बनने की यात्रा की।
📌 लेखक: Dipankar Shilp Priyadarshi
📎 स्रोत: The Fresh Law – भारत का उभरता हुआ लॉ स्टूडेंट्स ब्लॉग प्लेटफॉर्म
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