भारत का संविधान लिखित और निर्मित संविधान है। इसे बनाने के लिए एक विशेष संस्था बनाई गई, जिसे संविधान सभा (Constituent Assembly) कहा जाता है। इस पोस्ट में हम संविधान सभा की मांग, गठन की प्रक्रिया, चुनाव पद्धति और इसकी आलोचना पर चर्चा करेंगे।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
अंग्रेजों का शासन भारत में कंपनी शासन (1757–1857) से शुरू हुआ।
इस दौरान कोई लिखित संविधान नहीं था। गवर्नर/गवर्नर जनरल ही कानून बनाते थे।
1857 की क्रांति के बाद सत्ता ब्रिटिश क्राउन के हाथ में आ गई।
समय-समय पर कई अधिनियम आए – इनमें सबसे महत्वपूर्ण था भारत शासन अधिनियम, 1935।
आज़ादी के समय और संविधान सभा के गठन तक शासन इसी अधिनियम के आधार पर चल रहा था।
संविधान सभा की मांग कैसे उठी?
1895-96: संविधान जैसी सोच सामने आई।
1922: महात्मा गांधी ने कहा – भारत का संविधान भारतीयों की इच्छा से बने।
1934: M.N. Roy ने पहली बार सीधे संविधान सभा की मांग की।
1935: कांग्रेस ने इसे आधिकारिक रूप से स्वीकार किया।
अंग्रेजों द्वारा स्वीकार करना
1940 – अगस्त प्रस्ताव (August Offer): पहली बार अंग्रेजों ने सिद्धांत रूप में मान लिया कि भारत में संविधान सभा हो सकती है।
1942 – क्रिप्स मिशन (Cripps Mission): साफ कहा गया कि युद्ध के बाद भारतीय खुद संविधान बनाएंगे (पर प्रस्ताव खारिज हुआ)।
1946 – कैबिनेट मिशन (Cabinet Mission): संविधान सभा बनाने की पूरी योजना दी।
कैबिनेट मिशन और संविधान सभा का गठन
कुल सदस्य:
संविधान सभा में कुल 389 सदस्य होने थे।
296 सदस्य – ब्रिटिश भारत से
93 सदस्य – देसी रियासतों से
चुनाव की प्रक्रिया:
296 सीटों पर चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से हुआ।
प्रांतों की विधानसभाओं के चुने हुए सदस्य संविधान सभा के सदस्य चुनते थे।
चुनाव पद्धति:
एकल संक्रमणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote)
समानुपातिक प्रतिनिधित्व (Proportional Representation)
देसी रियासतें:
93 सदस्य रियासतों से आने थे।
इन्हें राजाओं/शासकों द्वारा नामांकित (Nominated) किया जाना था।
आलोचना
भारत की केवल 10% आबादी के पास वोट देने का अधिकार था।
इस वजह से कहा गया कि संविधान सभा पूरे भारत की जनता का प्रतिनिधित्व नहीं करती।
फिर भी यही सभा स्वतंत्र भारत का संविधान बनाने में सफल रही।
महत्वपूर्ण तथ्य (Prelims के लिए उपयोगी)
1. संविधान सभा की मांग सबसे पहले M.N. Roy (1934) ने की।
2. कांग्रेस ने इसे आधिकारिक रूप से 1935 में उठाया।
3. अंग्रेजों ने इसे पहली बार स्वीकारा 1940 – अगस्त प्रस्ताव में।
4. संविधान सभा का गठन हुआ कैबिनेट मिशन योजना (1946) के आधार पर।
5. कुल सदस्य: 389 (296 ब्रिटिश भारत + 93 देसी रियासतें)।
6. चुनाव पद्धति: एकल संक्रमणीय मत और समानुपातिक प्रतिनिधित्व।
7. सभा आंशिक रूप से निर्वाचित और आंशिक रूप से नामांकित थी।
निष्कर्ष
पहली बैठक: 9 दिसंबर 1946
संविधान अंगीकृत: 26 नवंबर 1949
संविधान लागू: 26 जनवरी 1950
संविधान सभा ने ही भारत को सबसे बड़ा लोकतांत्रिक संविधान दिया।